भारतीय संविधान की उद्देशिका / प्रस्तावना (Preamble of Indian Constitution)- MCQ of Indian Politics / Indian Constitution । Samvidhan ki Parastavna
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दोस्तों बहुत-बहुत स्वागत करता हूँ आपका अपने इस Blog पर आज मैं इस Post में भारतीय संविधान की प्रस्तावना से संबंधित सभी अति महत्वपूर्ण प्रश्नों को संकलित किया है जो RAILWAY/SSC/IAS/PCS एवं अन्य सभी प्रतियोगिता परीक्षाओ की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के काफी महत्वपूर्ण है| इन अभी प्रश्नों को आप ध्यानपूर्वक पढ़े और नीचे Comment Box हमें जरुर बताये की ये Post आपको कैसा लगा ताकि आपके लिए इससे भी बेहतरीन प्रश्नों को आपके लिए उपलब्ध करू।
(A) मूल अधिकारों संबंधी अध्याय में
(B) राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के अध्याय में
(C) मूल अधिकारों, राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों एवं मौलिक कर्तव्यों के अध्याय में
(D) संविधान के किसी भी अध्याय में नहीं
उत्तर (C)
भारतीय संविधान की प्रस्तावना (Preamble), संविधान के उद्देश्यों को प्रतिबिंबित करती है। इसका मुख्य उद्देश्य सामाजिक (Social), आर्थिक (Economic) और राजनीतिक (Political) न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समानता आदर्शों को प्राप्त करना है। प्रस्तावना में जिन आदर्शों एवं उद्देश्यों की रूपरेखा दी गई है उनकी व्याख्या संविधान में मूल अधिकारों, राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों तथा मौलिक कर्तव्यों सम्बंधी अध्याय में की गई है।
2. भारतीय संविधान का कौन-सा भाग संविधान की आत्मा कहलाता है?
(A) मूल अधिकार
(B) राज्य के नीति निदेशक तत्त्व
(C) उद्देशिका
(D) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
उत्तर (C)
संविधान की उद्देशिका (Preamble) को भारतीय संविधान की आत्मा (Soul of Indian Constitution) कहा जाता है। के. एम. मुंशी ने उद्देशिका को राजनीतिक जन्मपत्री (Political Horoscope) कहा है।
3. भारतीय गणतंत्र की 26 जनवरी, 1950 को संविधान वस्तुस्थिति क्या थी, जब संविधान लागू किया गया था?
(A) लोकतंत्रात्मक गणतंत्र
(B) संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य
(C) संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, लोकतंत्रात्मक गणराज्य
(D) संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य
उत्तर (C)
26 जनवरी, 1950 को भारतीय गणतंत्र की संवैधानिक वस्तुस्थिति (Reality) भारतीय संविधान की उद्देशिका के अनुसार, सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, लोकतंत्रात्मक गणराज्य की थी।
4. संविधान में हमारे राष्ट्र का उल्लेख किस/किन नाम/नामों से किया गया है?
(A) भारत तथा इंडिया
(B) केवल भारत
(C) हिंदुस्तान तथा इंडिया
(D) भारत, हिंदुस्तान तथा इंडिया
उत्तर (A)
संविधान में हमारे राष्ट्र का उल्लेख नामों भारत तथा इण्डिया के रूप में किया गया है। अनुच्छेद-1(1) के अनुसार भारत, अर्थात इंडिया राज्यों का संघ होगा (India, that is Bharat, shall be a Union of States)।
5. भारतीय संघवाद को सहकारी संघवाद किसने कहा था?
(A) जी. ऑस्टिन
(B) के. सी हीयर
(C) सर आइवर जेनिंग्स
(D) डी. डी. बसु
उत्तर (A)
जी. ऑस्टिन एक अमेरिकी इतिहासकार थे। इन्होंने भारतीय संघवाद को सहकारी संघवाद (Co-operative Federalism) कहा है। के.सी. ह्वीयर के अनुसार, भारतीय संविधान एक अर्द्ध परिसंघीय (Quasi-Federal) संविधान है। भारतीय संविधान में उद्देशिका का विचार संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से तथा इसकी भाषा ऑस्ट्रेलिया के संविधान से ली गई है।
6. हम, भारत के लोग (We, The People of India) शब्द का प्रयोग संविधान में कहाँ किया गया है?
(A) राज्य के नीति निदेशक तत्त्व
(B) मौलिक अधिकार
(C) नागरिकता
(D) संविधान की प्रस्तावना
उत्तर (D)
भारतीय संविधान को प्रस्तावना का प्रारंभ हम, भारत के लोग शब्दों से प्रारंभ होता है। इसका अर्थ है कि, संविधान का मूल स्रोत, भारत की जनता है तथा वही समस्त शक्तियों का केन्द्र बिन्दु है, और वह किसी बाह्य सत्ता के अधीन नहीं है।
7. निम्नलिखित शब्दों में से कौन सा शब्द सन् 1975 में भारतीय संविधान की प्रस्तावना में सम्मिलित नहीं था?
(A) बंधुत्व
(B) संप्रभुता
(C) समानता
(D) अखंडता
उत्तर (D)
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी (Socialist), पंथनिरपेक्ष (Secular) और अखण्डता (Integrity) शब्दों को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया है। इसके द्वारा भारतीय संविधान में व्यापक परिवर्तन किया गया। इस संशोधन से 2 नए अध्याय 4(क) तथा 14(क) और 9 नये अनुच्छेदों को जोड़ा गया तथा 52 अनुच्छेदों में संशोधन किया गया।
8. सभी व्यक्ति पूर्णतः और समान रूप से मानव है, यह सिद्धांत जाना जाता है-
(A) सार्वभौमिकता
(B) समष्टिवाद
(C) समाजवाद
(D) अन्तः क्रियावाद
उत्तर (A)
सभी व्यक्ति पूर्णतः और समान रूप से मानव है, यह सिद्धान्त सार्वभौमिकता (Universalism) के नाम से जाना जाता है। इसके अनुसार, सभी व्यक्तियों को उनके मानव अधिकार समान रूप से बिना किसी भेद-भाव के उपलब्ध होने चाहिए।
9. भारत के संदर्भ में निम्न में से कौन पंथनिरपेक्ष शब्द का सही भाव व्यक्त करता है?
(A) भारत में अनेक धर्म हैं।
(B) भारतीयों को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है।
(C) धर्मानुपालन व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर है।
(D) भारत में राज्य का कोई धर्म नहीं है।
उत्तर (D)
पंथनिरपेक्ष (Secular) शब्द संविधान की प्रस्तावना में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा जोड़ा गया। पंथनिरपेक्ष राष्ट्र से तात्पर्य ऐसे राज्य से है, जो किसी धर्म विशेष को राज्य के धर्म के रूप में मान्यता नहीं देता, बल्कि वह सभी धर्मों को तटस्थ भाव से समान संरक्षण प्रदान करता है। पंथनिरपेक्ष राज्य में धर्म व्यक्तिगत (Individual) विषय माना जाता है।
10. निम्नलिखित उद्देश्यों में से कौन-सा एक भारत के संविधान की उद्देशिका में सम्मिलित नही हैं?
(A) विचार की स्वतंत्रता
(B) आर्थिक स्वतंत्रता
(C) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
(D) विश्वास की स्वतंत्रता
उत्तर (B)
भारतीय संविधान उदेशिका मे सभी लोगों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के साथ-साथ विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता का लक्ष्य रखा गया है। ध्यातव्य है कि, भारतीय संविधान की उदेशिका में आर्थिक स्वतंत्रता की नहीं बल्कि आर्थिक न्याय की बात की गई है।
11. निम्नलिखित विवादों में से किसमें सर्वोच्च न्यायालय ने प्रस्तावना को भारतीय संविधान की मौलिक संरचना को अंग स्वीकार किया?
(A) बेरुबारी विवाद
(B) ए. के. गोपालन विवाद
(C) प्रिवी पर्स विवाद
(D) केशवानंद भारती विवाद
उत्तर (D)
वर्ष 1960 में बेरुबाड़ी संघ मामले में यह प्रश्न उठाया गया कि, प्रस्तावना (Preamble) संविधान का भाग है या नहीं। तब सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिया कि प्रस्तावना संविधान का अंग नहीं है। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973 ई) में बदल दिया और कहा कि प्रस्तावना संविधान का भाग है। इसमें संशोधन हो सकता है लेकिन संसद संविधान के मूल ढाँचे (Basic Structure) का उल्लंघन किए बिना ही संशोधन कर सकती है। भारतीय जीवन बीमा निगम मामले (1995 ई.) में भी सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि प्रस्तावना संविधान का अंग है।
12. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. भारत में लोकतांत्रिक राज्य व्यवस्था है।
2. भारत एक प्रभुसत्ता सम्पन्न राज्य है।
3. भारत में लोकतांत्रिक समाज है।
4. भारत एक कल्याणकारी राज्य है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन से सत्य है?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 1, 2 और 3
(C) केवल 2, 3 और 4
(D) 1, 2, 3 और 4
उत्तर (D)
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में भारत को एक प्रभुसत्ता सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने की परिकल्पना की गई है। जबकि भारत को एक कल्याणकारी राज्य (Welfare State) बनाने की भावना संविधान के भाग-4 के अन्तर्गत शामिल राज्य के नीति निदेशक तत्वों में निहित है।
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