स्थानीय स्वशासन : भारतीय राज्यव्यवस्था (Local Self-Government : Indian Polity)
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1. भारत के संविधान में पंचायतों तथा नगरपालिकाओं से सम्बंधित 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों के समय भारत के प्रधानमंत्री कौन थे?
(A) इंदिरा गांधी
(B) राजीव गाँधी
(C) पी.वी. नरसिम्हा राव
(D) वी. पी. सिंह
उत्तर (C)
पंचायतों से सम्बंधित 73वाँ संविधान संशोधन तथा नगरपालिकाओं से सम्बंधित 74वाँ संविधान संशोधन वर्ष 1992 में किया गया था। उस समय भारत के प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव थे जो भारत के प्रथम दक्षिण भारतीय प्रधानमंत्री थे इनका कार्यकाल 20 जून, 1991 से 16 मई, 1996 तक था।
2. पंचायती राज प्रणाली की प्रमुख विशेषताएँ क्या है?
(A) इनमें सरकार की तीन श्रेणियाँ हैं।
(B) इसका लक्ष्य गांवों को सामाजिक एवं आर्थिक न्याय प्रदान करना है।
(C) जिला परिषद में इसके सदस्य के रूप में कुछ सांसद शामिल होते हैं।
(D) उपर्युक्त सभी कथन सत्य है।
उत्तर (D)
पंचायती राज प्रणाली त्रिस्तरीय पंचायतों के माध्यम से स्थानीय स्वशासन के लक्ष्यों की पूर्ति करती है। लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण (Democratic Decentralization) के माध्यम से विकास व प्रशासन में आम जनता की भागीदारी तथा सामाजिक एवं आर्थिक न्याय सुनिश्चित करना इसका प्रमुख उद्देश्य है। जिला परिषद में अन्य सदस्यों के अतिरिक्त, उस जिले के विधायक एव सांसद भी पदेन सदस्य होते हैं।
3. पंचायतों की वित्तीय स्थिति का पुनर्विलोकन करने के लिए निम्न में से कौन राज्य वित्त आयोग का गठन करता है?
(A) सम्बंधित राज्य का मुख्यमंत्री
(B) सम्बंधित राज्य का राज्यपाल
(C) सम्बंधित राज्य का वित्त मंत्री
(D) सम्बंधित राज्य का पंचायती राज मंत्री
उत्तर (B)
संबंधित राज्य का राज्यपाल, भारतीय संविधान के अनुच्छेद-243(झ) के अनुसार प्रत्येक पाँच वर्ष की समाप्ति पर राज्य वित्त आयोग का गठन करता है। जिसका मुख्य कार्य पंचायतों की वित्तीय स्थिति का पुनर्विलोकन करना है।
4. निम्नलिखित में से कौन एक पंचायतों से सम्बंधित नहीं है?
(A) राज्य निर्वाचन आयोग पंचायतों का चुनाव संपादित करें।
(B) 74वाँ संविधान संशोधन अधिनियम
(C) सभी पंचायतों का कार्यकाल पाँच वर्ष निधारित होगा।
(D) एक पंचायत के भंग होने के छ: माह के अंदर नया चुनाव कराया जाएगा।
उत्तर (B)
74वाँ संविधान संशोधन अधिनियम-1993 पंचायतों से नहीं बल्कि नगर पालिकाओं से सम्बंधित है। इसके माध्यम से संविधान में एक नया भाग-9(क) तथा 12वीं अनुसूची जोड़कर नगरीय स्वशासन (नगरपालिका परिषद, नगर पंचायत तथा नगर निगम) का प्रावधान किया गया।
5. पंचायती राज से सम्बन्धित निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सत्य नहीं है?
(A) पंचायत व्यवस्था प्राचीन काल से भारतीय ग्रामीण जीवन का एक अभिन्न अंग रही है।
(B) 73 वाँ संशोधन 15 अगस्त, 1993 से प्रभावी हुआ।
(C) यह एक त्रिस्तरीय संरचना है।
(D) भारतीय संविधान का अनुच्छेद 243(G) उसके महत्व को बढ़ाया है।
उत्तर (B)
भारत में प्राचीन काल से ही पंचायत व्यवस्था ग्रामीण जीवन का अभिन्न अंग रही है। 73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 24 अप्रैल, 1993 से प्रभावी हुआ, जिसके माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लाग की गयी। संविधान के अनुच्छेद-243(G) में पंचायतों की शक्तियों, अधिकार तथा उत्तरदायित्व के विषय में उपबंध किए गए हैं।
6. पंचायतों के चुनाव कराने हेतु निर्णय किसके द्वारा लिया जाता है?
(A) केन्द्र सरकार
(B) राज्य सरकार
(C) जिला न्यायाधीश
(D) चुनाव आयोग
उत्तर (B)
पंचायतों को संविधान की 7वीं अनुसूची में राज्य सूची के अन्तर्गत सम्मिलित किया गया है। इनके गठन तथा चुनाव करान का अधिकार राज्यों को प्राप्त है। साथ ही राज्य सरकार (राज्य विधान मण्डल) द्वारा पंचायतों को संरचना का भी निर्धारण किया जाता है (अनुच्छेद-243 ग)।
7. भारत में पंचायती राज व्यवस्था लागू करने वाला प्रथम राज्य कौन है?
(A) हरियाणा
(B) गुजरात
(C) राजस्थान
(D) आंध्र प्रदेश
उत्तर (C)
राजस्थान (राजस्थान) पंचायती राज प्रणाली को लागू करने वाला प्रथम राज्य है जहाँ 2 अक्टूबर, 1959 को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नागौर जिले में पंचायती राज का प्रारम्भ किया। इसके पश्चात आंध्र प्रदेश वर्ष 1959 में पंचायती राज व्यवस्था को लागू करने वाला दूसरा राज्य बना।
8. CDP एवं NES के पुनर्गठन के लिए वर्ष 1957 में राष्ट्रीय विकास परिषद द्वारा स्थापित वह समिति जिसने ग्रामीण स्थानीय सरकार की त्रिस्तरीय प्रणाली का सुझाव दिया था?
(A) बलवंत राय मेहता समिति
(B) अशोक मेहता समिति
(C) प्रजातांत्रिक विकेंद्रीकरण पर महाराष्ट्र समिति
(D) ग्राम-नगरे संबंध समिति
उत्तर (A)
वर्ष 1952 में प्रारम्भ, सामुदायिक विकास कार्यक्रम ( Community Development Programme: CDP) तथा वर्ष 1953 में प्रारम्भ राष्ट्रीय विस्तार योजना (National Extnsion Scheme: NEWS) को पुनर्गठन के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद द्वारा वर्ष 1957 में बलवन्त राय मेहता समिति का गठन किया गया था। इस समिति ने लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण एवं CDP की सफलता सुनिश्चित करने हेतु त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली का सुझाव दिया।
9. अशोक मेहता समिति ने पंचायती राज के लिए किस प्रतिमान (मॉडल) की अनुसंशा की थी?
(A) एक स्तरीय
(B) द्वि-स्तरीय
(C) त्रि-स्तरीय
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (B)
पंचायती राज व्यवस्था में उत्पन्न कमियों को दूर करने के लिए वर्ष 1977 में अशोक मेहता समिति का गठन किया गया। इस समिति ने द्विस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की अनुशंसा की जिसमें प्रथम स्तर पर मण्डल पंचायत जिसमें 1520 गाँव तथा द्वितीय स्तर पर जिला परिषद शामिल होगी।
10. पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या कितनी है?
(A) कुल स्थानों का एक तिहाई
(B) महिलाओं की आबादी के अनुपात में
(C) कुल स्थानों का एक चौथाई
(D) परिस्थितियों की आवश्यकतानुसार
उत्तर (A)
अनुच्छेद-243(घ) के अन्तर्गत पंचायती राज संस्थाओं में प्रत्येक स्तर पर कुल स्थानों के एक-तिहाई स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए है।
11. पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने की संस्तुति निम्न में से किस कमेटी द्वारा की गई थी?
(A) एल. एम. सिंघवी समिति
(B) बलवंत राय मेहता समिति
(C) अशोक मेहता समिति
(D) संथानम समिति
उत्तर (A)
वर्ष 1986 में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पंचायती राज व्यवस्था में सुधार हेतु अनुसंशाएं देने की लिए एल. एम. सिंघवी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। इस समिति ने पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने की अनुसंशा की साथ ही पंचायतों के चुनाव में राजनीतिक दलों की भागीदारी पर प्रतिबंध, ग्रामीण न्यायालयों या न्याय पंचायतों तथा पंचायती राज अधिकरण के स्थापना को अनुसंशा की।
12. पंचायती राज व्यवस्था से निम्न में से कौन-सी समिति संबंधित नहीं है?
(A) अशोक मेहता समिति
(B) वी. के. आर. वी. राव समिति
(C) के. संथानम समिति
(D) बी. आर. मेहता समिति
उत्तर (B)
वी. के. आर. वी. राव एक प्रमुख भारतीय अर्थशास्त्री थे, जो आर्थिक विकास पर संयुक्त राष्ट्र आयोग के अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय आय समिति में सदस्य रहे थे। पंचायती राज व्यवस्था से सम्बंधित समितियां निम्नवत् है- बलवंत राय मेहता समिति (1957 ई.), अशोक मेहता समिति (1977 ई.), जी. पी. के. राव समिति (1985 ई.), एल. एम. सिंघवी समिति (1986 ई.), पी. के. थुंगन समिति (1988 ई.), वी. एन. गाडगिल समिति और के. संथानम समिति (1962 ई.) तथा सादिक अली समिति (1964 ई.)।
13. निम्नलिखित में से कौन-सी संस्था पंचायती राज संस्था नहीं है?
(A) ग्राम सभा
(B) ग्राम पंचायत
(C) सहकारी समिति
(D) न्याय पंचायत
उत्तर (C)
ग्राम सभा, ग्राम पंचायत तथा न्याय पंचायत ये तीनों ही पंचायती राज सस्थाएँ हैं, जबकि सहकारी समितियों इनसे भिन्न संस्था हैं। 97 वें संविधान संशोधन-2011 के द्वारा संविधान में भाग-9ख जोड़कर सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया है। तथा अनुच्छेद-19 के अन्तर्गत सहकारी समिति बनाने के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित कर दिया गया है।
14. भारत में पंचायती राज प्रणाली संविधान के किस अनुच्छेद के अन्तर्गत प्रारम्भ की गई थी?
(A) 32
(B) 40
(C) 45
(D) 51
उत्तर (B)
भारत में पंचायती राज प्रणाली की स्थापना संविधान के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत दिए गए अनुच्छेद-40 के निर्देशों के अन्तर्गत प्रारम्भ की गई थी। अनुच्छेद-40 में यह प्रावधान किया गया है कि राज्य ग्राम पंचायतों के गठन के लिए कदम उठाएगा और उनकी ऐसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान करें, उन्हें एक स्वायत्त संस्था के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक हो।
15. ग्राम सभा सही रूप में निरूपित करती है-
(A) किसी गाँव के वरिष्ठ नागरिकों को
(B) किसी गाँव की सम्पूर्ण जनसंख्या को
(C) पंचायत के लिए निर्वाचक मंडल को
(D) पंचायत के निर्वाचित मंडल को
उत्तर (C)
अनुच्छेद-243 के खण्ड ख) में ग्राम सभा को ग्राम पंचायत की निर्वाचक नामावली में पंजीकृत व्यक्तियों के समूह के रूप में परिभाषित किया गया है।
16. लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण का आशय क्या है?
(A) संघीय सरकार
(B) संसदीय सरकार
(C) लोकतांत्रिक सरकार
(D) स्थानीय सरकार
उत्तर (D)
लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण (Democratic Decentralization) का आशय स्थानीय स्वशासन (Local Self Government) की स्थापना से है, जहाँ स्थानीय विषयों, से सम्बंधित निर्णयों में स्थानीय जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
17. त्रि-स्तरीय पंचायती राज तंत्र में शामिल है-
(A) ग्राम सभा, अंचल पंचायत, पंचायत समिति
(B) जनपद पंचायत, तालुका पंचायत, अंचल पंचायत
(C) ग्राम पंचायत, ब्लॉक अथवा पंचायत समिति, जिला परिषद
(D) ग्राम सभा, पंचायत समिति जिला परिषद
उत्तर (C)
भारत में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत ग्राम पंचायत, पंचायत समिति (ब्लॉक पंचायत) तथा जिला परिषद शामिल है, परन्तु कुछ राज्यों में इनसे भिन्न प्रावधान भी है-
(i) केरल, जम्मू कश्मीर, त्रिपुरा, मणिपुर, सिक्किम : एक स्तरीय (ग्राम पंचायत)
(ii) असम, ओडिशा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा : द्वि स्तरीय (ग्राम पंचायत समिति)
(iii) पश्चिम बंगाल : चार स्तरीय (ग्राम पंचायत, अंचल पंचायत, आंचलिक परिषद, जिला परिषद)
(iv) मेघालय, मिजोरम तथा नागालैण्ड में पंचायतों के स्थान पर एक स्तरीय जनजातीय परिषद कार्यरत है।
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